सोशल मीडिया पर फैले फर्जीवाड़े की पोल खोलने वाला खुलासा
आज के डिजिटल युग में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स का इस्तेमाल सिर्फ मनोरंजन और जानकारी प्राप्त करने के लिए ही नहीं, बल्कि कई लोग इसे गलत तरीकों से अपनी लोकप्रियता बढ़ाने और आर्थिक लाभ कमाने के लिए भी कर रहे हैं। इस लेख में हम उन फर्जी कंटेंट क्रिएटर्स की असलियत उजागर करेंगे, जो भोले-भाले लोगों को बेवकूफ बनाकर पैसे कमा रहे हैं।
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फर्जी दानवीर बनने की सच्चाई
कुछ कंटेंट क्रिएटर्स गरीबों की मदद करने का नाटक करते हैं, लेकिन हकीकत में यह सब एक स्क्रिप्टेड ड्रामा होता है।
- किसी गरीब व्यक्ति को कैमरे के सामने लाखों रुपये देने का दिखावा किया जाता है, लेकिन कैमरा बंद होते ही उससे पैसे वापस ले लिए जाते हैं।
- अलग-अलग लोकेशंस पर पैसे छिपाने का दावा किया जाता है, लेकिन असल में वे पैसे वीडियो रिकॉर्ड करने के बाद खुद उठा लेते हैं।
- लोगों को स्मार्टफोन और अन्य महंगे गिफ्ट्स देने की बात कही जाती है, लेकिन असल में ज्यादातर गिवअवे सिर्फ एक दिखावा होते हैं।
स्कैमर्स की असलियत
- संजय कुमार (Help By God)
- गरीबों की मदद करने का दावा करता है, लेकिन यह सब स्क्रिप्टेड होता है।
- किसी गरीब व्यक्ति के बाल और दाढ़ी काटकर, उसे नए कपड़े पहनाकर वीडियो बनाता है, लेकिन उसकी असल मदद नहीं करता।
- उसके ही कैमरामैन ने बताया कि ये वीडियो स्क्रिप्टेड होते हैं और गरीबों को कैमरे के सामने सिर्फ नाटक करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है।
- लोगों को इमोशनली ब्लैकमेल कर उनसे डोनेशन लेने का धंधा करता है।
- थारा भाई जोगिंदर
- गिवअवे के नाम पर लोगों को बेवकूफ बनाता है।
- 10,000 या 50,000 रुपये छिपाने का दावा करता है, लेकिन बाद में खुद ही उठा लेता है।
- एक वीडियो में साफ दिखा कि उसने पैसे छिपाने के बाद खुद ही वापस उठा लिए।
- लोगों को गैंबलिंग यानी सट्टा खेलने की ओर प्रेरित करता है।
- मनीष जैन (JJ Communications)
- मोबाइल फोन और गिफ्ट्स देने का दावा करता है, लेकिन असल में गिफ्ट्स सिर्फ नाम मात्र के होते हैं।
- एक यूजर ने एक्सपोज किया कि उसे गिफ्ट में मिला फोन असल में इंटरनेशनल मॉडल था, जिसमें कोई वारंटी नहीं थी।
- इसने पहले किसी यूजर को गिफ्ट दिया, फिर बाद में उसे वापस ले लिया।
- सूरज शर्मा
- बिना पैसे के पूरे भारत की यात्रा करने का दावा करता है, लेकिन असल में लोगों की भावनाओं के साथ खेलता है।
- धार्मिक स्थलों की यात्रा कर हिंदू और सिख भावनाओं को भुनाने की कोशिश करता है।
- सोने की अंगूठियां देने का वादा करता है, लेकिन उसके गिवअवे भी फर्जी होते हैं।
- लोगों को ट्रेडिंग और बेटिंग में पैसा लगाने के लिए उकसाता है।
- योर साहिल
- जरूरतमंदों की मदद करने का दिखावा करता है, लेकिन असल में यह भी स्क्रिप्टेड होता है।
- पैसे दान करने के बाद बैटिंग और ट्रेडिंग ऐप्स को प्रमोट करता है।
- लोगों को लालच देकर बेटिंग में पैसा लगाने के लिए उकसाता है।
सोशल मीडिया के इन स्कैमर्स से बचाव कैसे करें?
- किसी भी व्यक्ति के दावों को बिना जांचे-परखे उन पर भरोसा न करें।
- गिवअवे और मुफ्त के गिफ्ट्स के लालच में न आएं।
- इमोशनल ब्लैकमेलिंग से बचें और बिना पुष्टि किए किसी को डोनेशन न दें।
- ऐसे कंटेंट क्रिएटर्स को फॉलो करने से बचें जो बेटिंग और गैंबलिंग को प्रमोट करते हैं।
निष्कर्ष
सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे कई वीडियो स्क्रिप्टेड और झूठे होते हैं। ये फर्जी कंटेंट क्रिएटर्स लोगों की मासूमियत का फायदा उठाकर अपनी फॉलोइंग और पैसा बढ़ाते हैं। हमें सतर्क रहने की जरूरत है ताकि हम इन धोखेबाजों के जाल में न फंसे और सही-गलत में फर्क कर सकें। यदि आप भी इन स्कैमर्स के खिलाफ आवाज उठाना चाहते हैं, तो इस जानकारी को ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचाएं।
Data has been taken.- https://www.youtube.com/watch?v=4vw4itzrfyU