Street Food HARIDWAR – कचौड़ी से कुलचे तक का तीर्थ

हरिद्वार की गलियों में स्वाद की बारात

अगर आपको लगता है कि HARIDWAR बस तीर्थ है, तो जनाब… आपने ना वहां की कचौड़ी खाई है, ना मूंग दाल की वो प्लेट, जिससे पहला निवाला लेने के बाद “वाहे गुरु!” निकल जाता है, भले ही आप गंगाजल पीने आए हों।

haridwar

🌄 सुबह के सूरज से पहले कचौड़ी का बोलबाला

सुबह के चार बज रहे होते हैं। पूरा शहर खामोश। लेकिन एक गली में, तेल की कड़ाही शोर मचा रही होती है।
वो है — कश्यप कचौड़ी वाले भैया की दुकान।

यहां की कचौड़ी कोई आम कचौड़ी नहीं — यह है हरिद्वारी एलिट स्नैक।
अंदर उड़द दाल, बाहर क्रिस्पी कवच, और साथ में हींग का पानी — इतना स्ट्रॉन्ग कि नाक के रास्ते सीधे आत्मा को छू ले।

और भाई, सब्ज़ी?
सब्ज़ी ऐसी कि लगता है जैसे हरिद्वार की गंगा उसमें घोल दी हो।
भैया कहते हैं: “थोड़ी और दूँ?
और हम कहते हैं: “थोड़ी क्या, बाल्टी से दे दो!

दिल्ली का लाजपत नगर: स्ट्रीट फूड का स्वर्ग

🌿 मोती बाज़ार: कुलचे की अदालत में मूंग दाल का बयान

मोती बाजार की गलियों में एक स्टॉल है — नाम नहीं पता, लेकिन ढूँढना आसान है।
जहाँ भी सबसे लंबी लाइन दिखे, वहीं मिलती है — मूंग दाल + छोले की जुगलबंदी

कुलचे गरमागरम, मिर्च हरी-हरी, और नींबू इतना ताज़ा कि काटते ही खुद कहे — “हर हर गंगे!”
एक प्लेट खाओ, और लगे कि स्वर्ग में ब्रेकफास्ट मिल गया हो।

🍛 पंडित जी पूड़ी वाले: पूजा के बाद पेट की पूजा

हरिद्वार आए और पंडित जी की पूड़ी नहीं खाई तो समझो आधा दर्शन अधूरा रह गया।

पूरियां – देसी घी की, एकदम क्रिस्पी।
सब्जियां – एक से बढ़कर एक, खास बात – बिना लहसुन-प्याज के, यानी जैन फ्रेंडली फूड

चार पूड़ियाँ ऐसे फूलती हैं जैसे रामलीला में रावण का मुकुट — भारी, भव्य और घी में डूबा हुआ।
तीन सब्ज़ियाँ मिलती हैं — आलू की, कद्दू की, और एक ऐसी मिक्स सब्ज़ी जो किसी भी रिश्ते की तरह समझ नहीं आती पर दिल को भा जाती है।

और प्लेट?
पत्ते की थाली।
जी हां — स्वाद भी, प्रकृति भी, और Instagram के लिए Aesthetic भी।

🧁 मिठास में भी तगड़ी बात – पंजाबी लस्सी और समोसा

अब आए हम PUNJABI LASSI WALA, उस दुकान पर जहां 8 इंच और 15 इंच के समोसे मिलते हैं!
और वो भी कभी-कभी फ्री – जब भारत पाकिस्तान को क्रिकेट में हराता है।
साथ में मिलते हैं 130 ग्राम के जेट ब्लैक गुलाब जामुन और बिना पानी की गाढ़ी लस्सी

65 साल पुरानी ये दुकान हरिद्वार का वो खजाना है जहां हर महीना एक आंटी जी राजस्थान से लड्डू गोपाल जी को भोग लगवाने लाती हैं।


🔔 अंत में: भूख लगी क्या? तो चलो हरिद्वार!

हरिद्वार की आरती जितनी दिव्य है, यहां की चटनी उतनी ही तेज़।
गंगा का जल शुद्ध करता है आत्मा को, लेकिन यहां का खाना?
सीधा पेट से होकर दिल में बस जाता है।

तो अगली बार कोई कहे — “हरिद्वार चलें दर्शन को?
तो मुस्कुरा कर कहना — “हाँ, लेकिन दर्शन से पहले नाश्ता करेंगे।” 😉


#GaliGaliHaridwar
#KachoriChronicles
#FoodieOnTheGhat
#PuriPremInPattal

Share to love