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ABOUT MLM
MLM यानी माल ला रे माल,
अरे नहीं रे MLM का मतलब होता है मल्टी लेवल मार्केटिंग या पिरामिड मार्केटिंग या डायरेक्ट सेलिंग या नेटवर्क मार्केटिंग, कुछ भी बोल लो और नहीं समझ में आ रहा तो आसान भाषा में समझो सूट बूट टाइप है। इनके एक के नीचे तीन उसके नीचे तीन जोड़ने वाली संस्था, जहां पे बंदा साइकिल पे आता है और आपको bmw1000rr का सपना दिखा कर चला जाता है।
आपको वो सच्चाई बताना कि यह कितना गंभीर विषय है तो डिस्कस करेंगे MLM मॉडल आखिर है क्या जिसमें 99% लोगों का पैसा डूबता ही है। लीगल और इल्लीगल, एमएलएम में डिफरेंस क्या है। कोई व्यक्ति अगर एमएलएम जॉइन करना चाहता है तो कैसे पता करें कि कौन सा लीगल है कौन सा इल्लीगल।
इसको जानने के साथ सूत्र बताऊंगा तो कोई भी एमएलए में जुड़ा है तो चेक कर ले कि वो गलत MLM में तो नहीं है और जुड़ना जा रहा है तो सबसे पहले चेक कर ले कि मैं सही में जुड़ रहा हूं या गलत में। क्यों ये स्कीम मिडिल क्लास और गरीब तब के यूथ को ही प्रोजेक्ट करके बनाई जाती है क्यों उन्हें झूठे सपने दिखती है
मल्टीलेवल मार्केटिंग का मॉडल
तो सबसे पहले जानते हैं कि एमएलएम मल्टीलेवल मार्केटिंग का मॉडल आखिर है क्या। तो ये जब स्कीम शुरुआत में आई थी और इसमें शुरुआत में फ्रॉड होने चालू हुए थे तब क्या होता था जो बंदा इस एमएलए स्कीम को चालू करता था वो अपने नीचे तीन आदमी जोड़ता था उनको कहता था तुम मुझे पैसे दो तुम्हें इतने टाइम बाद इतनी रिटर्न मिलेगी और तुम्हें अगर अपने नीचे बंदे जोड़ो ग तुम्हें और फायदा होगा तो तीन बंदे अपने नीचे नौ जोड़ते थे नौ अपने नीचे 27 और ऐसे धीरे-धीरे करके पिरामिड की शेप आ जाती थी और जब इनफ पैसा इकट्ठा हो जाता था ऊपर वाला बंदा भाग जाता था। और नीचे वाले बंदे रोते ही रह जाते थे।
लीगल और इल्लीगल
अब बाद में इस चीज पे गवर्नमेंट की नजर पड़ी तो गवर्नमेंट ने कहा ये तो बहुत बड़ा फरड हो रहा है और ये पिरामिड स्ट्रक्चर में हो रहा है। तो गवर्नमेंट ने इस प्रकार के पैसा लेने को और ये पिरामिड बनाने को और मल्टी लेवल बनाने को कंपलीटली बैन कर दिया इल्लीगल घोषित कर दिया।
और ये उन्होंने किया था प्राइस चिट एंड मनी सर्कुलेशन एक्ट के अंतर्गत तो अगर ये लीगल है तो ये चल कैसे रहा है अरे देश में जुगाड़ू लोगों की कमी है क्या कानून बनते ही उसकी गलियां निकाल लेते हैं ताला बनते ही उसकी चाबियां निकाल लेते हैं तो भैया उन्होंने कहा अच्छा मनी सर्कुलेशन पे बैन है पैसे लेने देने पे बैन है, हम पैसे लेने देने की बात ही नहीं कर रहे। हम तो प्रोडक्ट जोड़ देंगे इसमें हम पैसा नहीं ले रहे हम तो प्रोडक्ट बेच रहे हैं।
काम कैसे करते है
अब ध्यान से सुनो अब इनकी कहानी आती है कि हमारी कंपनी के पास ऐसा जोरदार तिलस्मी प्रोडक्ट है जो किसी के पास है ही नहीं अब हम चाहे तो इसको डायरेक्टली मार्केट करके डीलर डिस्ट्रीब्यूटर बना के करोड़ों रुपए कमा सकते हैं पर कंपनी के दिल में तमन्ना जगी है कि नहीं भाई मैं क्यों मार्केटिंग करूं मैं क्यों डीलर डिस्ट्रीब्यूशन बनाऊं ये जो आम आदमी है इनके घर में तो कंपनी के दिल में ऐसी ममता उमड़ गई साहब तो कंपनी कहती है हम आपको बनाएंगे जी डिस्ट्रीब्यूटर और आपको ये पावर देंगे
आप अपने नीचे भी बना लो डिस्ट्रीब्यूटर कोई टेंशन नहीं है और आपको जॉइनिंग का एक रुपया नहीं देना आपको पैसा नहीं देना आपको बस हमसे प्रोडक्ट लेना है आपको हमसे बस किट लेना है तो जो 1000 का प्रोडक्ट है वो 10000 में चुपका दिया और जनता बोली तुमने 10000 ले लिए कहां लिए हमने तो प्रोडक्ट बेचा 10000 का अब टेक्निकली 1000 का प्रोडक्ट दिया है 10000 बोल के तो 1000 का प्रोडक्ट है 9000 फीस ही तो है जॉइनिंग और क्या है लेकिन उसको कान ऐसे पकड़ लिए कानून की गली निकल गई इन्होंने खरीद लिया एक फ्री का सेल्समैन जो सेल्समैन बनने के पैसे दे रहा है तनखा महीने की लेता नहीं रिस्क इसका पूरा लगा हुआ है और इतना सब करने के बाद जो पैसे आते हैं वो सारे पैसे जमा हो रहे हैं कंपनी में इसको मिल रहा है थोड़े से पैसे और जब इतना करने के बाद भी उसके ओरिजिनल अमाउंट की वसूली नहीं होती तो कंपनी को कहता है कंपनी मैं इतना मेहनत कर रहा हूं छ महीने से मेरे ओरिजिनल पैसे तो वसूल ही नहीं हो रहे तो कंपनी कहती है तुझ में ही कमी है तू ज्यादा आदमी नहीं जोड़ पा रहा तू ज्यादा सेल नहीं कर पा रहा तुझसे ना हो पाएगा अब इतनी मेहनत करके सारे पैसे लगा के पांच आदमी को पसवा के अभी भी रिकवरी नहीं हो और गिल्ट में और बैठा है कि हां यार शायद मेरी ही तो गलती है मुझसे ही तो नहीं हो र ड क्या करूं मैं मर जाऊं
सरकार प्रोडक्ट वाली स्कीम भी क्यों नहीं बंद कर देती
सरकार प्रोडक्ट वाली स्कीम भी क्यों नहीं बंद कर देती सरकार ने वो मनी वाली बंद की प्रोडक्ट वाली बंद कर दे सरकार इसलिए बंद नहीं कर सकती क्योंकि कुछ जेनन कंपनियां भी है जो इस एमएलएम के माध्यम से डायरेक्ट सेलिंग के माध्यम से अपने प्रोडक्ट बेच रही है जेनन प्रोडक्ट है जन सिस्टम है जेनन कमीशन है अगर इसपे कंप्लीट बैन लग गया तो जेनन भी बंद हो जाएगी तो सरकार चाह के भी ये काम नहीं कर सकती वो समय-समय पे गाइडलाइन निकालती रहती है कि भैया गाइडलाइन देख लो थोड़े सावधान हो जाओ,
तो कुछ गाइडलाइन मैं आपको पढ़ के सुना देता हूं कुछ डिफरेंस आपको अनुभव से बता देता हूं जिसके बेसिस पे आपको पता पड़ जाएगा कौन सी कंपनी अच्छी है लीगल है एथिकल काम कर रही है कौन सी कंपनी चोर है जो बेवकूफ बना रही है तो ये सात डिफरेंस गौर से देख लेना अपनी एमएलएम कंपनी में अगर हो तो उसको असेस कर लेना ये अच्छी है कि बुरी और जुड़ना चाह रहे हो तो पहले चेक कर लेना तो यह है सात डिफरेंस एक लीगल और इलीगल एमएलएम के बीच में एथिकल और अन एथिकल एमएलएम के बीच में
- पहला हाई क्वालिटी ऑफ प्रोडक्ट एंड सर्विसेस जो भी लेजिटलक्वेस्ट होंगे चाहे वो कॉस्मेटिक प्रोडक्ट बेचे चाहे वो सर्विस बेचे चाहे कुछ भी चीज बेचे उसकी एक बढ़िया वैल्यू होगी उसकी क्वालिटी बहुत अच्छी होगी ऐसा नहीं कि भाई साबुन था कैसा भी साबुन बना दिया कैसा भी शैंपू बना दिया कैसी भी चीज बना दी जो भी चीज होगी क्वालिटी वाली होगी ये वो प्रोडक्ट होंगे जिनके अलग-अलग जगह मार्केटिंग चल रही होगी कैंपेन चल रहे होंगे जगह-जगह आपको और जगह भी दिख रहे होंगे ऐसा नहीं कि सिर्फ चैनल वाले ही कंज्यूम कर रहे हैं चैनल के बाहर आम जनता भी कंज्यूम कर रही होगी अच्छी रेटिंग दे रही होगी और बार-बार रिपीट इसकी वैल्यू होगी ये एक लेजिटिमाइज एमएलएम होगा उसके प्रोडक्ट की क्वालिटी एकदम बेसिक सी होगी कुछ प्रोडक्ट में नयापन नहीं कुछ प्रोडक्ट में खास नहीं उस प्रोडक्ट की कोई वैल्यू नहीं उस प्रोडक्ट को खरीदने वाले वही लोग हैं जो उसी सिस्टम के लोग हैं अंदर खुद ही खरीद जा रहे है खुद ही बेचे जा रहे हैं कोई बाहर का आदमी उसको ले ही नहीं रहा कंज्यूम ही नहीं कर रहा और बाहर के आदमी के लिए उसकी कोई वैल्यू ही नहीं है वो उस प्रोडक्ट को खरीद रहा है कह रहा है काम कानी है रिपीट वैल्यू नहीं है कोई जनरल रिकॉग्निशन नहीं है ये सीधी-सादी पहचान है आप अब जिस एमएलएम में है चेक कर लीजिए कौन सा प्रोडक्ट है आपका
- दूसरा है प्राइस ऑफ द प्रोडक्ट जो भी लेजिटीमेट एमएलएम होगा उसमें प्रोडक्ट की प्राइसिंग एकदम रीजनेबल रेंज में होगी अगर वो साबुन बेच रहा है मान लो कि अगर बाजार में साबुन 50 का मिल रहा है और वो एमएलएम बी साबुन बेच रहा है तो 50 का बेच रहा होगा 55 का होगा 60 का होगा 70 का होगा ऐसा नहीं होगा कि बाजार में 50 का वो दे रहा 250 का, वो दे रहा 300 का, क्योंकि जहां पे ये वाला गैप है ना वहां पे वो एमएलएम है कि साबुन को तो बस एज अ काम में लिया जा रहा है टोकन असली गेम तो वो ₹200
- उसमें पैसा दिया जाएगा परफॉर्मेंस के बेसिस पे भैया माल कितना बेचा जितना माल बेचा उस परे कमीशन मिलेगा बंदे जोड़ने नहीं जोड़ने पे ज्यादा फर्क नहीं पड़ता या तो कमीशन दिया ही नहीं जाता है बहुत मामूली सा कमीशन होता है पर जो इलेजिटिमेसी में चीज क्या है प्रोडक्ट बेचने में फोकस नहीं है फोकस ये है कि ज्यादा ज्यादा बंदे जोड़ो तेरे नीचे तीन उसके नीचे तीन माल बिके ना बिके कस्टमर तक पहुंचे ना पहुंचे सेल्समैन पे सेल्समैन सेल्समैन पे सेल्समैन बनते रहे इस पे ज्यादा ध्यान दिया जाता है वो होता है इ लेजिटीमेट एमएलएम तो कुल मिला के जहां जोड़ना हो बंदा वो धंधा है गंदा
- चौथा जो इलेजिटिमेसी ऐसे प्रॉमिस कर देगा ना कि ये टिकट भी पैसा भी घूमना भी फिरना भी मजे भी मस्ती भी ये भी इतने ज्यादा प्रॉमिस जो इतने से में कर दे वो भैया थोड़े कान खड़े कर लेना रिस्की है क्योंकि जो लेजिटिमेसी क्योंकि मेरा तो तेरा कमीशन तेरी सेल पे है जितनी सेल करेगा उतना मिल जाएगा तेज बेचेगा तो तेज मिलेगा कम बेचेगा कम मिलेगा नहीं बेचेगा नहीं मिलेगा मैं किस बात के वादे करूं तो जो जहां अननेसेसरी वादे हैं वो कई गुनाहो का वादा है वहां पे गड़बड़ है
- पांचवा पॉइंट जो सही एमएलएम होगी कभी भी अपने कस्टमर को फोर्स नहीं करेगी कि तू यार इतना सारा प्रोडक्ट एक बार में ले या तेरे को इतने प्रोडक्ट लेने पड़ेंगे एक बार में सही एमएलएम बोलेगी देख भाई ऐसा है ये तेरे ये री प्रोडक्ट की लिस्ट ते को जो पसंद है जितना पसंद है उतना ले जा जो फर्जी वाली एमएलएम होगी वो बोलेगी नहीं इतना तो लेना ही पड़ेगा ये एक बोरा ही खरीदना पड़ेगा 5000 का ही सामान खरीदना पड़ेगा एक बार में इतना ही लेना पड़ेगा वहां गड़बड़ है भाई साहब जहां तुमको चॉइस है तुमको ज क्या लेना है कितना लेना है तुम्हारे हाथ में लेजिटिमेसी और रिफंड की पॉलिसी होगी भाई मुझे तुम्हारा मेंबर नहीं बनना कैंसिल करो मैं जा रहा हूं तो भैया उसी समय उसका कैंसिल होगा और अगर उसका कुछ लगा हुआ होगा तो उसका रिफंड होगा माल लिया होगा तो माल का वापस होगा लेजिटीमेट एमएलएम ऐसा कर देती है इलेजिटीमेट एमएलएम बोलती है कोई रिफंड नहीं होगा कोई वापसी नहीं होगी बहुत सारी टर्म्स कंडीशन है जो कि पूरी करना लगभग असंभव है ये थे मेन सात पॉइंट एक
- आठवा बोनस पॉइंट ले लो असली एमएलएम में प्रोडक्ट बेचने पे फोकस होता है और नकली एमएलएम में अमीर बनने के वादों पे फोकस होता है वहां सपने बेचे जाते हैं प्रोडक्ट नहीं अब आप किसी ना किसी एमएलएम से जुड़े हुए आसपास किसी एमएलएम को जानते हो तो मुझे कमेंट बॉक्स में बताओ कौन सी एमएलएम आपको लगता है कि रे ये तो जेनन है सर ये आपने सातों क्वालिटी उसमें है तो जेनन वाली है मस्त वाली है इसके साथ जुड़ के हम धन्य धन्य हो गए तो उसका नाम ख दो और आपको लगता नहीं सर यह साला गड़बड़ है सारी गड़बड़ इस कंपनी में देखी गई है यह तो गड़बड़ है भैया बच केर है ना वो आप डाल दो कमेंट
सो कुल मिला के अगर मैं समरी में आपको बता दूं आप किसी ऐसी एमएलएम से जुड़े हो जिसका प्रोडक्ट सॉलिड है जिसका प्राइस रीजनेबल है जहां पे एंट्री की कोई फीस नहीं है जहां पे रिफंड की कोई माता फोड़ी नहीं है जहां पे बंदे जोड़ने पे पैसा नहीं मिलता बल्कि माल बेचने पे पैसा मिलता है जहां पे आपको कोई अननेसेसरी प्रोडक्ट खरीदने पे फोर्स नहीं कर रहा है वो एमएलएम अच्छी है उसके साथ जुड़ना चाहते हैं जुड़िए जुड़े हुए हैं जुड़े रहिए बेस्ट ऑफ लक फॉर जिंदगी लेकिन अगर जो फर्जी एमएलएम है वो कैसे दुनिया को जोड़ती है कैसे ऑपरेट करती है कैसे पैसे कमाती है और लास्ट में कैसे उसका ध्वस्त होना कोलप्पन है वो अभी आपको आगे बताता हूं अब बात करते हैं फर्जी एमएलएम कैसे ऑपरेट करती है इन फर्जी एमएलएम का टारगेट होता है गरीब और मध्यम वर्ग के युवा स्टूडेंट और बेरोजगार आदमी क्योंकि गरीबी से यह परेशान है सपने इनके बड़े हैं पाने की जल्दी है और दुनिया का एक्सपोजर नहीं है कि क्या सही क्या गलत ऐसे लड़कों को उठा के ले जाते हैं सेमिनार में सेमिनार में सब सजे धजे से बैठे हैं दूहे बन के सूट पहन रखा है टाई पहन रखी है जबरदस्त म्यूजिक चल रहा है लोग डांस कर रहे हैं अजीब सा पागल बने आदमी कह रहा भाई ये क्या हो गया फिर स्टेज पे आते हैं 40 किलो के डायमंड सर उन परे 400 किलो फूल डाल दिए जाते हैं फिर वो कहानी सुनाते हैं मैं भी गरीब था लेकिन मैंने पिछले ही महीने ऐसा बोल के फ्री का सेल्समैन बना देते हैं तुम्हारे ही पैसों से तुमको ना उम्र देखते हैं ना एक्सपीरियंस देखते हैं बस ये देखते हैं इसके पास अगर एक किट के पैसे हैं और तीन आदमी जोड़ सकता है तो इसको बना लो चाहे नाइंथ क्लास का बच्चा हो चाहे 11वीं क्लास का बच्चा हो कहते हैं दाढ़ी से पहले गाड़ी दिलवा देंगे पति बनने से पहले करोड़पति बना देंगे झूठी है साले इन झूठ के चक्कर में बेचारा बच्चा फस जाता है कोई सेविंग के पैसे ले आता है कोई उधार पे पैसे ले आता है कोई घर का सामान चोरी कर लेता है कोई घर का सामान गिरवी रख देता है ऐसा करने से इनको रोकने में जितनी चीजें आएगी उसका सॉल्यूशन इनको पहले ही रटवा दिया जाता है इनको पता है इनके दोस्त इसको समझाएंगे तो सेमिनार में बोल देते हैं दोस्त तुम्हारे कोई काम के नहीं है दोस्त नहीं चाहते तुम्हारी तरक्की हो दोस्त चाहते ही नहीं तुम बड़ा आदमी बन जाओ इन दोस्तों के चक्कर में मत रहो इनको छोड़ दो जो तुम्हारे साथ नहीं आ सकते तुम्हारी बात पे दो किट नहीं ले सकते का बात के दोस्त तो दोस्ती भी छुड़वा देंगे उनको पता है उनके पिताजी मना करेंगे पहले ही उनको कह देते हैं कि अरे एक तो घर वालों के पास ज्यादा जाना मत घर वालों को बताना मत चुपके-चुपके करना एकदम सिला के घर वालों के के सामने चीज रख देना चुपके-चुपके करनी है चीज और अगर पिताजी को पता भी पड़ जाए अरे वो तो पुराने ढर रे के आदमी हैं नौकरी वाले आदमी हैं तुम कर रहे हो बिजनेस बिजनेस थोड़ी समझ में आता है हर आदमी के भाई साहब इस बिजनेस शब्द की इतनी लंका लगाई है एंटरप्र शब्द के इतने कपड़े फाड़े हैं कि क्या बताऊं भाई साहब और भाई साहब गलती से चार आदमी को बेवकूफ बना के उनका अगर पहला चेक आ जाए तो पहला चेक चाहे ₹5000000 का स्टेज पे चढ़ के म्यूजिक बजा के ताली बजा के कंधे पे उठा के ऐसा सेलिब्रेट करते हैं उसको को लगता है कि असली दुनिया तो यही है अरे जन्नत तो यही है मेरे घर वाले ने तो आज तक मुझे कभी प्यार से नहीं बोला दोस्त ने तो कभी लाड़ नहीं लड़ाया ये मेरे लिए कितने दीवाने हो रहे हैं उनको लगता है यही मेरे शुभचिंतक है भैया जब इनको लगता है पूरी जगह कब्जे में आ चुके हो बेवकूफ बन चुके हो तुम्हें टास दिया जाता है अगले आदमी को बेवकूफ बनाने का अपने नीचे तीन बेवकूफ और जोड़ो उनसे भी चेक ले आओ तुम्हारा लेवल सबके निकलेंगे एक लेवल टूटेगा दो लेवल टूटेगा इस लेवल पे ये मिल जाएगा तुम डायमंड बन जाओगे तुम डायनासोर बन जाओगे अरे याद क्या चाहते हो तुम अरे छोटे-छोटे नवी क्लास के 11वी क्लास के बच्चे डप लिए तुमने और जब मेहनत कर कर के इनका जोश ठंडा हो जाता है इनको लगता है भैया अब हमसे ना हो पाएगा फिर सेमिनार में बुला लेते हैं फिर चार आदमी स्टेज प खड़े कर देते मोटिवेशन स्पीकर वो हिल हिल के बोलते हैं अरे तुमसे नहीं हो पा रहा क्या अरे तुमसे चार आदमी नहीं जुड़ रहे तुम क्या करोड़पति बनोगे तुम्हारे कहने पे चार लोग तुम्हारी बात नहीं बनते कैसे मर्सडीज आएगी मतलब कुल मिला के तुम्हारी मेहनत पे तुमसे कुछ नहीं हुआ तुम्हें ही गिल्ट में डाल देते हैं कि तेरी कमी है भाई तेरे में गुण ही नहीं है कर ति बनने के तू तो गलत मटेरियल आ गया भैया तेरे डीएनए में खराबी है तू आदमी नहीं जोड़ पा रहा जब तक उसकी चैन नहीं बन जाती उसको चैन से नहीं बैठने देते कहते तू बेचैन फिर अच्छा तुम्हारे पैसे रिकवर नहीं हुए तुमने सोचा इस चीज को छोड़ देता हूं मैं अच्छा 50 पर से ज्यादा लोग पहले साल में एमएलएम छोड़ देते हैं पर छोड़ने के बाद भी उनके दुख उने नहीं छोड़ते क्योंकि भैया खुद का तो पैसा रो धो के रह गए लेकिन अपने नीचे जो तीन चार जुड़वा दिए थे ना वो पैसा मांगने तुम्हारे ही घर आते हैं तो आपका एमएलएम में फाइनेंशियल डैमेज होता है इमोशनली डैमेज होता है और रिलेशन भी डैमेज होता है और जब तक ये प्रोसेस आपकी चल रही होती है जब जोश में होते हो तब तक आपके यार दोस्त रिश्तेदार पड़ोसी फोन उठाना बंद कर देंगे घर पे बुलाना बंद कर देंगे बोले आते ही साला प्लान दिखाएगा तो राहुल जी क्या ऐसा सबके साथ होता है कुछ लोग ऐसे भी तो हैं जो जीवन में आगे बढ़ जाते हैं उनकी बात तो बताओ सर कितने ही लोग आगे बढ़ जाए अल्टीमेटली मॉडल क्लैप्स होगा इसको इस बात से समझो एक मॉडल दिखा रहा हूं स्क्रीन प देखो ध्यान से देखना पहले वाले आदमी ने तीन आदमी जोड़े लेवल वन है तीन आदमी जोड़े ये तीन आदमी पैसा कब कमाएंगे जब अपने नीचे तीन जोड़ेंगे इन्होंने तीन ने नौ बनाए लेवल टू बन गया तीन खुश हो गए कि मजे आ गए हमको पर ये नौ पैसे कब कमाएंगे अब ये 27 जोड़ेंगे लेवल तीन पे जाके न को मजे आ गए 27 को मजे कब आएंगे जब ये 81 को बनाएंगे 81 को मजे कब आएंगे जब ये बनाएंगे 243 243 को कब 729 ऐसे करते-करते लेवल सेवन तक मान लो 2000 आदमी है जो खुश है लेकिन लेवल 8 पे 6500 आदमी की जरूरत है तुम्हें पैसा रिकवर करने के लिए 6500 आदमी तुम्हारे गांव में नहीं है तुम्हारी ढाणी में नहीं है तुम्हारे शहर में नहीं है लाओगे कहां से चलो बड़ा शहर है तुम्हारा 6500 बना लोगे उसके अगले लेवल पे 19000 आदमी चाहिए 19000 बना लोगे उसके अगले लेवल पे 60000 आदमी चाहिए बना के दिखाओ एक लेवल ऐसा आएगा कि लास्ट में बनने वालों की संख्या ही खत्म हो गई एमएलएम में जोड़ते जाओ जोड़ते जाओ भाई जोड़ का अंत तो आएगा इस अगर लेवल को मैं आगे ले जाऊं 19वें लेवल पे 116 करोड़ लोगों की जरत होगी इतने भारत में कहां है और अगर 21वें लेवल प चले जाओगे 1046 करोड़ लोग की वर्ल्ड में नहीं है भाई किसको जोड़ेगा मंगल ग्रह जाएगा जोड़ने यानी जो जितने लेवल तक आगे बढ़ेगा उसको उतने आदमी ढूंढने पड़ेंगे तो कोई के मॉडल ऐसा है छठे लेवल पे कोलप्पन को 600 आदमी को 1200 1800 आदमी नहीं मिल रहे कोई बड़े शहर में मॉडल था वो 27000 पे कोलप्पन को आगे के कि हजार आदमी नहीं मिल रहे तो कोई चौथे लेवल पे जाएगा कोई छठे पे जाएगा कोई आठवें पे जाएगा जाएगा तो सही क्योंकि अनंत काल तक तुम्हें आदमी मिलेंगे ही नहीं तुम माल तो बेच ही नहीं रहे अगर तुम माल बेच रहे होते तुम्हारा एमएलएम अच्छा होता तुम पांच-छह लेवल बनाते वहीं रुक जाते माल बिकता रहता पैसे आते रहते पर तुम्हारा तो धंधा ही नहीं है माल बेचने का तुम्हारा तो आदमी बनाने का धंधा है और आदमी तो लिमिटेड है तो ये ऊपर वाले एक कंपनी में कमाए छोड़ के दूसरी कंपनी चले गए दूसरी छोड़ के तीसरी चले गए तो ऊपर वाले 10050 आदमी तो कमाते ही रहते हैं हर बारही और नीचे वाले हमेशा रोते रहते हैं तो मेरा सजेशन क्या है एमएलएम इंडस्ट्री को देखो इंडिया में बिसलेरी आया उसके बाद बिल सेरी आ गया और ना जाने भाई साहब बी और एल की कॉमिनेशन से ना जाने क्या-क्या ही आ गया तो एमएलएम इंडस्ट्री में एक दो अच्छे एग्जांपल होंगे पर उसके पीछे 20-30 डुप्लीकेट कॉपियां हैं गलत है जो वो लोगों को भटका रही है और गवर्नमेंट की अभी तक गाइडलाइन इस पे क्लियर नहीं है एक फ्रॉड होता है दो गाइडलाइन आ जाती है फिर एक फ्रॉड होगा फिर गाइडलाइन आ जाएगी लेकिन जब तक एक रेगुलेटरी बॉडी नहीं बनती जैसे इंश्योरेंस के लिए एड है स्टॉक मार्केट में सीबी है जो या अपने रियल स्टेट के लिए रेरा बनी जब तक ऐसी इंडिपेंडेंट बॉडीज को रेगुलेट करने के लिए नहीं बनती है तब तक अपनी मेहनत के पैसे अपना कीमती समय ऐसी चीजों में ना लगाएं सरकार से निवेदन है एक रेगुलेटरी बॉडी बनाई जाए ताकि इन चीजों को नियंत्रित किया जा सके और हमारा युवा जो भटक रहा है परेशान है इधर-उधर चीजें देख रहा है वो इसकी तरफ ना जाए और युवाओं को भी मैं रिक्वेस्ट करता हूं भाई साहब करोड़पति बनने के चक्कर में पिता से करोड़ों गालियां खा जाओगे और जीवन जाएगा रिलेशन जाएगा पैसे जाएंगे जवानी जाएगी तो इन चीजों से दूर रहो बहुत सारी चीजें करने को है इंडिया आगे बढ़ रहा है बहुत अपॉर्चुनिटी निकलेगी उस परे ध्यान दो इस कचरे से दूर रहो और जल्दी अमीर बनने के चक्कर में जल्दी गरीब बन जाओगे जल्दी कर्जे में चले जाओगे ये बात हमेशा याद रखना।