हमारी इस यात्रा की शुरुआत मैं नीम करौली बाबा को प्रणाम करके करना चाहता हूं। बाबा जी ने जीवन की गहरी सिख दी, जिनसे हम सभी प्रेरित होकर आज भी उनके मार्ग पर चल रहे हैं। नीम करौली बाबा का जीवन अद्भुत चमत्कारों और भक्तों के विश्वास से भरा हुआ था। उनका नाम सुनते ही भक्तों के दिलों में श्रद्धा उमड़ने लगती है, क्योंकि वे हनुमान जी के परम भक्त थे और उनकी भक्ति में पूरी तरह समाहित थे। बाबा जी का जीवन ही एक प्रेरणा है, जो यह सिखाता है कि सच्चे भक्त का मार्ग सच्चाई और भक्ति से ही गुजरता है।

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बाबा नीम करौली का वास्तविक नाम लक्ष्मी नारायण शर्मा था और उनके पिता का नाम दुर्गा प्रसाद शर्मा था। जब वह सिर्फ 17 साल के थे, तो उन्हें दिव्य ज्ञान की प्राप्ति हुई। इसके बाद उन्होंने घर छोड़ दिया और अपने जीवन को हनुमान जी की भक्ति में समर्पित कर दिया। बाबा जी ने उत्तर भारत में साधुओं की तरह भ्रमण किया और कई नामों से पहचाने गए। गुजरात के मोरबी में जब उन्होंने तपस्या की, तो लोग उन्हें तलैया बाबा के नाम से पुकारने लगे।
एक दिलचस्प घटना के बारे में कहा जाता है कि बाबा जी जब उत्तराखंड में थे, तब उन्होंने एक छोटी सी घाटी में एक व्यक्ति से मिलकर उसका नाम जान लिया। व्यक्ति का नाम पूरन था। बाबा जी ने कहा, “पूरन, हमें भोजन की व्यवस्था करो।” पूरन ने घर जाकर अपनी मां को बताया कि बाबा नीम करौली जी नीचे घाटी में बैठे हैं और उन्हें भोजन चाहिए। घर में जो दाल रोटी बनी थी, वही परोस दी गई। भोजन के बाद बाबा जी ने पूरन को कहा कि वह गांव के कुछ लोगों को लेकर नदी के पार जंगल में जाएं। वहां बाबा जी ने उन्हें खुदाई करने के लिए कहा और गुफा प्राप्त हुई। गुफा में धुनी और चिमटा रखा हुआ था, जो यह बताता था कि वहां कोई साधु या महापुरुष पहले तपस्या कर चुका था। यह वही जगह थी जहां बाद में कैची धाम का निर्माण हुआ।
कैची धाम
कैची धाम का नाम इस स्थान पर स्थित दो तीखे मोड़ों के कारण पड़ा था, जो सड़क के दोनों किनारों से जैसे एक कैंची की तरह मिलते थे। बाबा जी ने जीवनभर हनुमान जी के 108 मंदिरों का निर्माण किया, जो उनकी भक्ति और श्रद्धा का प्रतीक हैं। बाबा नीम करौली के बारे में एक प्रसिद्ध घटना भी है, जब वे बिना टिकट के फर्स्ट क्लास में सफर कर रहे थे। टिकट चेकर ने उन्हें उतारने का आदेश दिया, लेकिन जब ट्रेन नहीं चली, तो अधिकारियों ने बाबा जी से माफी मांगी और उन्हें सम्मानपूर्वक ट्रेन में बैठने दिया। तब से उनका नाम नीम करौली बाबा पड़ा।
- नीम करौली बाबा का परिचय: उनका असली नाम लक्ष्मी नारायण शर्मा था। उन्हें इस युग का महान संत माना जाता है।
- प्रसिद्ध हस्तियों का उनसे जुड़ाव:
- स्टीव जॉब्स को एप्पल कंपनी का आइडिया बाबा के धाम से मिला।
- मार्क जुकरबर्ग अमेरिका से भारत आकर बाबा के मार्गदर्शन में हिंदू धर्म की प्रैक्टिस करने लगे।
- विराट कोहली जब अपने करियर में असफलताओं से जूझ रहे थे, तब बाबा के धाम जाने के बाद उन्होंने शानदार प्रदर्शन किया।
नीम करौली बाबा के चमत्कार
- नीम करौली बाबा नाम कैसे पड़ा?
बाबा ट्रेन से यात्रा कर रहे थे, लेकिन उनके पास टिकट नहीं था। जब टिकट चेकर ने उन्हें उतार दिया, तो बाबा करौली स्टेशन के पास नीम के पेड़ के नीचे बैठ गए। तभी ट्रेन आगे बढ़ना बंद हो गई। बहुत कोशिशों के बावजूद ट्रेन नहीं चली। अधिकारियों ने बाबा से माफी मांगी, उन्हें फिर से ट्रेन में बिठाया, और तुरंत ट्रेन चल पड़ी। तब से उन्हें “नीम करौली बाबा” कहा जाने लगा। - कंबल चढ़ाने की परंपरा कैसे शुरू हुई?
बाबा हमेशा कंबल ओढ़ते थे। एक रात उन्होंने एक गरीब परिवार के घर विश्राम किया। रात में वे बहुत पीड़ा सहते दिखे। सुबह उठकर उन्होंने कंबल बुजुर्ग दंपति को दिया और उसे गंगा में प्रवाहित करने को कहा। जब उनके बेटे ने बताया कि वह एक रात पहले दुश्मनों के घेरे में था, लेकिन उसे कोई गोली नहीं लगी, तब लोगों को समझ आया कि बाबा ने सारी गोलियां अपने ऊपर ले लीं। तभी से उनके धाम में कंबल चढ़ाने की परंपरा शुरू हुई। - शेख मुजीबुर रहमान की भविष्यवाणी
बाबा ने कहा कि बांग्लादेश के पहले राष्ट्रपति शेख मुजीबुर रहमान जेल से छूटकर राजा बनेंगे। उनकी भविष्यवाणी सच हुई और वे जेल से छूटने के बाद देश के नेता बने। - एलएसडी और बाबा का प्रभाव
एक बार, अमेरिका के प्रोफेसर रिचर्ड अल्पर्ट (बाद में रामदास) बाबा के पास आए। उन्होंने बाबा को एलएसडी की ड्रग दी, जो नशे का बेहद शक्तिशाली पदार्थ था। बाबा ने इसे बिना किसी प्रभाव के ग्रहण कर लिया। यह देखकर रिचर्ड चौंक गए और उन्होंने अपनी पूरी जिंदगी बाबा की सेवा में समर्पित कर दी।
संभावित निष्कर्ष
नीम करौली बाबा एक चमत्कारी संत थे, जिनकी आध्यात्मिक शक्ति ने हजारों लोगों की ज़िंदगी बदली। हनुमान जयंती के इस पावन अवसर पर उनकी शिक्षाओं को फैलाना एक प्रेरणादायक कार्य है। यह वीडियो न केवल उनके चमत्कारों को उजागर करता है, बल्कि यह भी बताता है कि भक्ति और विश्वास से जीवन में किसी भी कठिनाई को पार किया जा सकता है।
जय बजरंग बली! 🚩