दीपावली/Deepawali
दीपावली/Deepawali जिसको हम दिवाली के नाम से भी जानते हैं। दीपावली 5 दिनों तक चलने वाला त्यौहार है, यह असत्य पर सत्य की विजय, बुराई पर अच्छाई की विजय, अज्ञानता पर ज्ञान की विजय को दर्शाता है। तथा समाज में उल्लास, भाईचारे व प्रेम का संदेश फैलाता है। दीपावली का शाब्दिक अर्थ है दीपों की पंक्तियां, यह हिंदुओं का एक लोकप्रिय त्यौहार है।भारत के सभी त्योहारों में सबसे ज्यादा हर्षोल्लास के साथ दीपावली को ही मनाया जाता है इसमें मिट्टी के दीपको की पंक्तियां प्रकाशित किए जाते हैं।
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दीपावली कब मनाई जाती है –
यह त्योहार कार्तिक माह की अमावस्या के दिन मनाया जाता है। अमावस्या की अंधेरी रात जगमग असंख्य दीपों से जगमगाने लगती है।
DEEPAWALI मनाने या दीप जलाने की प्रथा के पीछे अलग-अलग कारण, कहानियां या मान्यता हैं जैसे –
- हमारे प्राचीन ग्रंथ रामायण के अनुसार बहुत सारे लोग यह बताते हैं कि जब भगवान श्री राम अपने पत्नी सीता और भाई लक्ष्मण के साथ 14 वर्ष का वनवास भोग कर, लंका के अत्याचारी राजा रावण का वध करके वापस अयोध्या लौटे थे तब उनके सम्मान में और खुशी में लोगों ने दीप जलाकर उनका स्वागत किया था तब से हम दीप जलाकर दीपावली का त्यौहार मनाते हैं।
- कुछ लोग महाभारत के अनुसार दीपावली को 12 वर्षों के वनवास 1 वर्ष के अज्ञातवास के बाद पांडवों की वापसी के रूप में दीपावली का त्यौहार मनाते हैं
- जबकि कुछ हिंदू दीपावली को भगवान विष्णु की पत्नी मां लक्ष्मी से जुड़ा हुआ मानता है क्योंकि जब देवताओं और राक्षसों के बीच लौकिक सागर का मंथन हुआ था तब मां लक्ष्मी का जन्म हुआ और उनके जन्म दिवस के रूप में ही हम दीपावली का त्यौहार मनाने लगे।
- जो लोग भगवान श्री कृष्ण की भक्ति करते हैं उन लोगों का मानना है कि इस दिन भगवान श्री कृष्ण ने अत्याचारी राजा नरकासुर का वध किया था और नरकासुर के वध से जनता में अपार खुशी और हर्ष फैल गया और लोगों ने खुश होकर घी के दिए जलाए थे।
- सिख भाइयों के लिए भी दीपावली महत्वपूर्ण है क्योंकि इसी दिन ही अमृतसर में 1577 में स्वर्ण मंदिर का शिलान्यास हुआ था इसके अलावा 1619 में दीपावली के दिन सिखों के छठे गुरु हरगोविंद सिंह जी को जेल से रिहा किया गया था
आने वाले सालों में दीपावली त्यौहार की तारीख –
तारीख़ | दिन | |
4 November 2021 | Thursday | DEEPAWALI |
24 October 2022 | Monday | DEEPAWALI |
12 November 2023 | Sunday | DEEPAWALI |
01 November 2024 | Friday | DEEPAWALI |
21 October 2025 | Tuesday | DEEPAWALI |
08 November 2026 | Sunday | DEEPAWALI |
29 October 2027 | Friday | DEEPAWALI |
17 October 2028 | Tuesday | DEEPAWALI |
DEEPAWALI 5 दिनों तक चलने वाला त्यौहार है जिसमें प्रत्येक दिन अपने आप में महत्वपूर्ण है जिनका उल्लेख इस प्रकार है…
- पहला दिन Dhanteras – अधिकांश भारतीय व्यापारी इस दिन अपने नए वित्तीय वर्ष के शुरुआत के रूप में देखते है। प्रत्येक व्यापारी वर्ग इस दिन धन की देवी लक्ष्मी की पूजा करता है। और अपने व्यापार के नए साल की शुरुवात करता है। गांव के लोग अपनी फसल को काट कर अपने घरो में सुरक्षित रखते है। तथा कुछ बर्तन खरीद कर हर्ष के साथ त्यौहार की शुरुआत करते है। धनतेरस के दिन बर्तन खरीदने के पीछे माँ लक्ष्मी जी के आने की मान्यता है।
- दूसरा दिन Naraka Chaturdasi – यह साफ सफाई का दिन होता है इस दिन सभी लोग स्नान करते हैं और नए कपड़े पहनते हैं, साथ ही अपने घरों को साफ सुथरा करते हैं। इस दिन आने वाली लक्ष्मी जी की पूजा की तयारी करते है।
- तीसरा दिन Lakshmi Puja – यह अमावस्या का दिन होता है इस दिन दीपावली अवकाश का आधिकारिक दिन होता है, इसी दिन हम दीपावली मनाते हैं इसी दिन हम दीपों को जलाकर हर्ष और उल्लास के साथ पटाखे फोड़ते हुए माँ लक्ष्मीं जी की पूजा करते है और कामना करते है उनकी कृपा हम पर हमेशा बानी रहे।
- चौथे दिन Govardhan Puja – इस दिन बहुत सारी जगह मेले का आयोजन किया जाता है यह शुद्ध पंचमी का दिन होता है।
- पांचवा दिन Bhai Dooj – यह त्यौहार का अंतिम दिन होता है यह भाइयों और बहनों के बीच प्यार को दर्शाता है जिसे हम भाई दूज भी कहते हैं। इसमें बहन अपने भाई का तिलक करके उसकी लम्बी उम्र की कामना करती है।
DEEPAWALI में क्या करना चाहिए
- दीपावली के दिन अपने घर, अपने कमरे, अपने कपड़े, किताबें और अपने आस पास की जगह को अच्छी तरह साफ कर लेना चाहिए।
- दीपावली में कोशिश करनी चाहिए कि आप अपने परिवार के साथ ही दीपावली की पूजा करें।और साथ में दिवाली मनाएं।
- मिट्टी के दीपकों से घर को सजना चाहिए, क्योंकि अमावस्या की रात, दीपक के उजाले में जगमगा उठती हैं।
- बड़े हर्ष के साथ, खुशियां बटाते हुऐ दीपावली का त्यौहार मनाना चाहिए।
- इस दिन पटाखे फोड़ कर लक्ष्मी जी का स्वागत किया जाता हैं। लेकिन पटाखे फोड़ते समय विशेष सावधानी बरतनी चाहिए।
- इस दिन कुछ लोग जुआ खेलते हैं।जो की गलत बात है। लेकिन कई लोग मानते हैं कि ऐसा करने से हमको पता चलता है कि मां लक्ष्मी जी हमारे पास आ रही है या हमसे दूर जा रहीं है।
- दीपावली में सभी की मदद करनी चाहिए, और कोशिश करनी चाहिए कि आपके आस पास सभी की deepawali खुशियों से भरी हुई रहे।
- Fish Farming करने की प्रक्रिया
दीपावली की पूजा करने के लिए चार मुहूर्त होते है –
वृश्चिक लग्न – यह दीपावली के दिन की सुबह का समय होता है. वृश्चिक लग्न में मंदिर, हॉस्पिटल, होटल्स, स्कूल, कॉलेज में पूजा होती है. राजनैतिक, टीवी फ़िल्मी कलाकार वृश्चिक लग्न में ही लक्ष्मी पूजा करते है।
कुम्भ लग्न – यह दीपावली के दिन दोपहर का समय होता है. कुम्भ लग्न में वे लोग पूजा करते है, जो बीमार होते है, जिन पर शनि की दशा ख़राब चल रही होती है, जिनको व्यापार में बड़ी हानि होती है।
वृषभ लग्न – यह दीपावली के दिन शाम का समय होता है. यह लक्ष्मी पूजा का सबसे अच्छा समय होता है।
सिम्हा लग्न – यह दीपावली की मध्य रात्रि का समय होता है. संत, तांत्रिक लोग इस दौरान लक्ष्मी पूजा करते है।