DELHI का चोर बाजार: सस्ते सौदे या बड़े स्कैम्स?
DELHI का चोर बाजार, जो हर संडे जामा मस्जिद के पास लगता है, पूरे हिंदुस्तान में मशहूर है। यह बाजार चोरी के सामान के लिए कुख्यात है। कोई भी दुकानदार यह नहीं मानेगा कि वह चोरी का सामान बेचता है, लेकिन जब आप सामान खरीदकर घर लौटेंगे, तो समझ में आएगा कि इस बाजार को “चोर बाजार” क्यों कहा जाता है। सस्ते में बेहतरीन सामान पाकर आप खुश हो जाएंगे, लेकिन जब वह सामान काम नहीं करेगा, तभी असली खेल समझ में आएगा।
यहां सिर्फ सामान ही नहीं, आपकी जेब भी साफ हो सकती है। वॉलेट गायब होगा, मोबाइल चोरी हो सकता है, और अगर आपके साथ कोई जान-पहचान वाला व्यक्ति हो, तो वह आपको समझाएगा कि असली चोरी तो ग्राहक के साथ होती है। यही नहीं, अगर आप दिल्ली घूमने आए हैं, तो सिर्फ एक चोर बाजार नहीं, बल्कि पूरी दिल्ली ही आपको एक बड़ा ठगी का अड्डा लगने लगेगी।
DELHI का चोर बाजार—इसका नाम सुनते ही लोगों के दिमाग में एक रहस्यमयी, सस्ती और चोरी के सामानों की दुनिया का ख्याल आता है। जामा मस्जिद के पास हर संडे लगने वाले इस बाजार की पहचान पूरे हिंदुस्तान में है। कहा जाता है कि यहां चोरी का सामान खुलेआम बिकता है। लेकिन जब दुकानदारों से पूछा जाता है, तो वे मानते तो हैं कि चोरी का सामान बाजार में मौजूद है, लेकिन कोई भी खुद को इसमें शामिल नहीं बताता।
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सस्ते सामान का जादू और कड़वा सच
इस बाजार में आपको हर तरह का सामान मिलेगा—पुराने मोबाइल, लैपटॉप, घड़ियां, ब्रांडेड जूते, कपड़े और इलेक्ट्रॉनिक्स, वह भी इतने सस्ते दामों में कि कोई भी पहली नजर में इंप्रेस हो जाए। लेकिन जब आप घर जाकर इन्हें इस्तेमाल करने लगेंगे, तो समझ में आएगा कि इसे चोर बाजार क्यों कहते हैं! क्योंकि कई बार सामान खराब निकलता है या नकली होता है।
कैसे कंपनियां उपभोक्ताओं को कर रही हैं गुमराह?
जेबकतरों और स्कैम्स का अड्डा
इस बाजार में घूमते हुए एक पल के लिए भी लापरवाही भारी पड़ सकती है। जेबकतरों की गैंग इतनी एक्टिव होती है कि कब आपका वॉलेट गायब हो जाए, आपको पता भी नहीं चलेगा। खासतौर पर नए लोग और पर्यटक सबसे बड़े शिकार होते हैं।
DELHI की बसों और मेट्रो में जेबकतरी एक आम समस्या है। महिलाएं गैंग बनाकर चलती हैं, एक महिला आपसे सीट मांगेगी और आपका ध्यान भटकाएगी, जबकि दूसरी महिला आपकी जेब से वॉलेट निकाल लेगी। इसी तरह, एक महिला बच्चे को गोद में लेकर रोती हुई मेट्रो में चढ़ती है और पूरे डिब्बे को अपनी दुखभरी कहानी सुनाती है, ताकि लोग दया करके उसे पैसे दें।
DELHI: एक नहीं, कई चोर बाजार!
दिल्ली सिर्फ जामा मस्जिद के चोर बाजार तक सीमित नहीं है, बल्कि पूरे शहर में अलग-अलग तरह के स्कैम्स चलते रहते हैं।
1. रेलवे स्टेशन पर भावनात्मक ठगी
नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर उतरते ही एक बूढ़ा व्यक्ति पास आकर दुखभरी कहानी सुनाएगा—”गांव से पहली बार आया था, किसी ने पर्स चुरा लिया, घर जाने तक के पैसे नहीं हैं।” आपको लगेगा कि बस 20-30 रुपये से किसी की मदद हो जाएगी, लेकिन यह स्कैम हर दिन दर्जनों लोगों को ठगता है।
नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर उतरते ही ठगी का खेल शुरू हो जाता है। कोई बुजुर्ग व्यक्ति आपके पास आकर मदद मांगेगा—”बेटा, गांव से पहली बार आया हूं, किसी ने बटुआ मार लिया, अब घर जाने के पैसे नहीं हैं।” आप सोचेंगे कि 20-30 रुपये में किसी को मदद मिल जाए, इसमें क्या दिक्कत है? लेकिन हकीकत यह है कि यही लोग रोजाना नए यात्रियों को इसी तरह बेवकूफ बनाते हैं।
मेट्रो और बस स्टॉप पर भी ऐसे ही कई स्कैम चलते हैं। कभी कोई स्टूडेंट बनकर आएगा और कहेगा कि एग्जाम सेंटर पर पहुंचने के लिए पैसे चाहिए, कभी कोई परिवार के साथ होगा और सफर के लिए मदद मांगेगा। यूपीआई के ज़माने में भी ऐसे लोग मिल जाएंगे जो पैसे मांगते हैं और फिर कभी वापस नहीं करते।
2. नकली फूड जॉइंट्स और महंगे बिल
रेलवे स्टेशन और कनॉट प्लेस के पास कई रेस्टोरेंट्स सस्ते खाने का विज्ञापन लगाते हैं। लेकिन जब आप खाना ऑर्डर करते हैं, तो बिल में भारी रकम जोड़ दी जाती है। अगर विरोध किया तो बहस और धमकी भी मिल सकती है।
रेलवे स्टेशन के पास एक सस्ते रेस्टोरेंट में घुसे और 50 रुपये की थाली का बोर्ड देखकर ऑर्डर कर दिया? लेकिन जब बिल आया तो 500 रुपये का था! दुकानदार कहेगा कि आपने “डीलक्स थाली” ऑर्डर की थी, जबकि आपको इसकी जानकारी तक नहीं थी। अगर आप बहस करेंगे तो वह 300 रुपये लेकर भी मान सकता है, लेकिन कोई फायदा नहीं।
होटल बुकिंग में भी धोखा होना आम बात है। ऑनलाइन होटल देखकर बुक किया, लेकिन जब पहुंचे तो कमरा गंदा, बेडशीट गंदी, और टॉयलेट्स खराब मिले। कई बार एक ही कमरे की दो या तीन बुकिंग कर दी जाती है और जो कम झगड़ा करेगा, उसे दूसरे होटल में भेज दिया जाता है।
3. पब्लिक ट्रांसपोर्ट स्कैम्स
मेट्रो स्टेशन के पास कुछ महिलाएं औरतों की गैंग बनाकर आपके आसपास खड़ी होती हैं। बातचीत के बहाने आपका ध्यान भटकाती हैं और तब तक दूसरी सदस्य आपका बैग साफ कर देती है। यह तरीका बसों और ट्रेनों में भी इस्तेमाल किया जाता है।
दिल्ली में ऑटो और टैक्सी वाले बिना ठगे मानते नहीं। ओला या उबर की गाड़ियां बुक करना सबसे सही रहता है क्योंकि उसमें तय किराया देना होता है। लेकिन अगर आपने सड़क से ऑटो लिया तो वह आपको 500 रुपये से कम किराया नहीं बताएगा, चाहे दूरी कितनी भी कम हो। कई बार ड्राइवर पार्किंग या टोल चार्ज के नाम पर भी एक्स्ट्रा पैसे मांगते हैं।
4. झूठे डोनेशन स्कैम्स
अगर आप इंडिया गेट, लाल किला या कनॉट प्लेस घूमने निकले हैं, तो वहां भी ठगों से बचकर रहना जरूरी है। किसी ने आपकी शर्ट पर तिरंगा पिन कर दिया और अब वह शहीदों के परिवारों के लिए डोनेशन मांग रहा है। 50 रुपये से शुरू होने वाली यह ठगी 500 रुपये तक जा सकती है। तिरंगे का अपमान न हो, इसलिए लोग मजबूरी में पैसे दे देते हैं।
इंडिया गेट, लाल किला और गुरुद्वारों के पास आपको कुछ लोग फ्री में किताब या डायरी पकड़ाते हैं और फिर ‘दान’ मांगते हैं। अगर आप मना करते हैं, तो डायरी छीन ली जाती है। इनसे बचने के लिए किसी भी अनजान व्यक्ति से सामान न लें।
ऑनलाइन बुकिंग और होटल स्कैम्स
अगर आपने सस्ते दामों में होटल बुक किया है, तो सतर्क रहें। कई होटल ऑन-द-स्पॉट ज्यादा पैसे मांगते हैं, वर्ना कमरा देने से मना कर देते हैं। कई बार ऑनलाइन दिखाई गई फोटो और असलियत में जमीन-आसमान का फर्क होता है।
फर्जी जॉब ऑफर और कॉल सेंटर स्कैम
DELHI और गुड़गांव में जॉब के नाम पर भी ठगी होती है। आपको इंटरव्यू में बुलाया जाएगा, अच्छा माहौल दिखाया जाएगा, और फिर आपसे 500-1000 रुपये ट्रेनिंग फीस या डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन के नाम पर लिए जाएंगे। कई कॉल सेंटर विदेशी बुजुर्गों को ठगने के लिए ही खोले गए हैं, जहां भारत के युवा काम करने को मजबूर हैं।
कैसे बचें स्कैम्स से?
- सस्ते सामान के लालच में न आएं – अगर डील बहुत अच्छी लग रही है, तो दोबारा सोचें।
- जेब और बैग का ध्यान रखें – भीड़ में सतर्क रहें और बैग हमेशा अपने सामने रखें।
- कोई भी मदद मांग रहा हो तो क्रॉस चेक करें – नकली जरूरतमंदों से बचें।
- ऑटो और टैक्सी में मीटर से चलें – बिना तय रेट्स के सफर न करें।
- किसी अनजान को पैसे न दें – चाहे वो कितनी भी इमोशनल कहानी सुनाए।
निष्कर्ष
DELHI की गलियों में स्कैम्स और ठगी के तरीके लगातार बदल रहे हैं। अगर आप सतर्क और जागरूक हैं, तो आप इनसे बच सकते हैं। शहर की खूबसूरती का लुत्फ उठाइए, लेकिन सावधानी भी रखिए, वरना आपका सफर एक महंगा सबक बन सकता है।
यह लेख DELHI के चोर बाजार, ठगी और घोटालों पर आधारित है, जिसमें विभिन्न प्रकार की धोखाधड़ी के बारे में विस्तार से बताया गया है। इसे और अधिक प्रभावशाली और स्पष्ट रूप में विस्तृत किया जा सकता है:
DELHI एक ऐतिहासिक और खूबसूरत शहर है, लेकिन यहां ठगों और स्कैम्स की भरमार है। चाहे रेलवे स्टेशन हो, मेट्रो हो, टूरिस्ट स्पॉट्स हों या होटल और रेस्टोरेंट—हर जगह कोई न कोई स्कैम चल रहा होता है।
DELHI में घूमने या रहने के दौरान सतर्क रहें, ठगी के इन तरीकों को पहचानें, और अपने पैसे और सामान की सुरक्षा करें। जागरूक रहना ही इन सभी स्कैम्स से बचने का सबसे बड़ा हथियार है।
तो अगली बार जब आप DELHI जाएं, तो ठगों से बचने के लिए तैयार रहें!